डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कैसे कमाए

डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कैसे कमाए: मैं डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कमाने के (9) तरीके बता रहा हूँ।

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डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कमाने के कई तरीके हैं। यहां कुछ प्रमुख तरीके हैं:

  1. एफिलिएट मार्केटिंग: इसमें आप किसी दूसरे व्यक्ति या कंपनी के उत्पादों को प्रमोट करते हैं और हर सेल पर कमीशन कमाते हैं।
  2. सोशल मीडिया मार्केटिंग: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर, और लिंक्डइन का इस्तेमाल करके अपने उत्पादों या सेवाओं को प्रमोट करके पैसे कमा सकते हैं।
  3. कंटेंट मार्केटिंग: आप अपने ब्लॉग, यूट्यूब चैनल, या वेबसाइट के माध्यम से मूल्यवान कंटेंट साझा करके दर्शकों को आकर्षित कर सकते हैं और उन्हें अपने उत्पादों या सेवाओं के प्रति प्रवृत कर सकते हैं।
  4. ईमेल मार्केटिंग: ईमेल मार्केटिंग का इस्तेमाल करके आप अपने ग्राहकों को नए ऑफ़र, डिस्काउंट, और अपडेट भेजकर उन्हें एंगेज कर सकते हैं।
  5. सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ): अपने वेबसाइट या कंटेंट को सर्च इंजन में अच्छे रैंक करवाकर आप ऑर्गेनिक ट्रैफ़िक को बढ़ा सकते हैं, जो आपकी बिक्री को बढ़ा सकता है।
  6. फ्रीलांसिंग: अगर आप डिजिटल मार्केटिंग में माहिर हैं, तो आप अपने कौशलों को फ्रीलांस आधार पर बेच सकते हैं, जैसे कि एसईओ, सोशल मीडिया प्रबंधन, कंटेंट लेखन, या ईमेल मार्केटिंग।
  7. डिजिटल उत्पाद बेचना: आप डिजिटल उत्पाद जैसे ईबुक्स, ऑनलाइन कोर्सेज, टेम्पलेट्स, या सॉफ़्टवेयर को बेचकर भी पैसे कमा सकते हैं।
  8. ड्रॉपशिपिंग: इसमें आप किसी और कंपनी के उत्पादों को अपने वेबसाइट पर लिस्ट करते हैं और जब कोई आदेश करता है तो उसे सीधे निर्माता या आपूर्तिकर्ता को फ़ोरवर्ड करते हैं, जिससे आप कमीशन कमाते हैं।
  9. पेपर-पर-क्लिक विज्ञापन: पे-पर-क्लिक विज्ञापन प्लेटफ़ॉर्म्स जैसे गूगल एड्स और फेसबुक एड्स का इस्तेमाल करके आप अपने उत्पादों या सेवाओं को लक्षित दर्शकों तक पहुंचा सकते हैं और हर क्लिक पर पैसा कमा सकते हैं।

इन तरीकों से आप डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से पैसे कमा सकते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि हर तरीके का अपना रिस्क और समय लगता है, इसलिए सभी तरीकों को समझकर ही चुनें।

एफिलिएट मार्केटिंग केया हैAffiliates Marketing Keya hai or paise kaise Kamayen

एफिलिएट मार्केटिंग एक प्रकार का विपणन है जिसमें एक व्यक्ति (एफिलिएट) किसी कंपनी या उत्पाद की प्रचार और प्रचार करता है और उसकी सेल को बढ़ाने के लिए कस्टमर्स को प्रेरित करता है। जब उस एफिलिएट के द्वारा सेल होती है, तो उसे एक निश्चित प्रतिष्ठान द्वारा प्रोवाइड किया गया कमीशन मिलता है। यह मार्केटिंग प्रणाली उत्पादों को बिकने में मदद करने के साथ-साथ विपणन उत्पादों के प्रसार और ब्रांड के प्रतिस्थापन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

डिजिटल मार्केटिंग से पैसे कैसे कमाए

एफिलिएट मार्केटिंग के कितने प्रकार है

एफिलिएट मार्केटिंग के कई प्रकार हो सकते हैं, लेकिन कुछ मुख्य प्रकार निम्नलिखित हो सकते हैं:

  1. सामान्य एफिलिएट मार्केटिंग: इसमें एफिलिएट कंपनियों के वेबसाइट पर विज्ञापनों को प्रदर्शित करने और उनके माध्यम से उत्पादों या सेवाओं की प्रमोशन की जाती है।
  2. इमेल मार्केटिंग: इसमें एफिलिएट ईमेल विपणन की बुनियाद पर एक ईमेल सूची के माध्यम से उत्पादों की प्रचार की जाती है।
  3. ब्लॉग और वेबसाइट एफिलिएट मार्केटिंग: इसमें एफिलिएट ब्लॉगर और वेबसाइट मालिकों द्वारा उत्पादों या सेवाओं की प्रचार की जाती है, जिनके माध्यम से उन्हें ट्रैफिक और सेल्स मिलती है।
  4. सोशल मीडिया एफिलिएट मार्केटिंग: इसमें एफिलिएट्स सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर उत्पादों या सेवाओं की प्रमोशन करते हैं, अपने फॉलोवर्स को उन्हें खरीदने के लिए प्रेरित करते हैं।
  5. वीडियो एफिलिएट मार्केटिंग: इसमें एफिलिएट्स वीडियो सामग्री बनाते हैं और उत्पादों या सेवाओं की प्रमोशन करने के लिए वीडियो प्लेटफार्मों पर इन्हें प्रसारित करते हैं।

ये कुछ प्रमुख तरीके हैं जिनमें एफिलिएट मार्केटिंग की व्यवस्था की जा सकती है।

सोशल मीडिया मार्केटिंग केया हे ओर कितने प्रकार के होते हैSoceial Media Marketing Keya hae or kitne prakar ke hote hae

सोशल मीडिया मार्केटिंग एक डिजिटल मार्केटिंग की विधि है जिसमें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग किया जाता है ताकि उत्पादों या सेवाओं को प्रमोट किया जा सके, लक्ष्य से संबंधित सामग्री साझा की जा सके, और लोगों के साथ संवाद किया जा सके।

सोशल मीडिया मार्केटिंग के कई प्रकार होते हैं, जैसे:

  1. ऑर्गेनिक सोशल मीडिया मार्केटिंग: इसमें विज्ञापन का उपयोग नहीं किया जाता है, बल्कि सामग्री को जनता के साथ साझा किया जाता है और उन्हें विचार और प्रतिक्रिया के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
  2. विज्ञापित सोशल मीडिया मार्केटिंग: इसमें विज्ञापन का उपयोग किया जाता है ताकि लक्ष्य समृद्धि और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए संदेश को अधिक समृद्ध और व्यापक रूप से प्रसारित किया जा सके।
  3. सोशल मीडिया विपणन योजना (SMMS): इसमें सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए एक व्यावसायिक स्तर पर नियोजित सामग्री की योजना की जाती है, स्केड्यूल की जाती है, और प्रसारित की जाती है।
  4. सामाजिक मीडिया एनालिटिक्स: यह उपयोगकर्ताओं के सामाजिक मीडिया क्रियावलियों का विश्लेषण करता है, जैसे कि उनकी पसंद, अविभाजितता, और सामूहिक गतिविधियों को गहराई से समझने के लिए।
  5. सोशल मीडिया संवादवाद: इसमें ब्रांड या व्यक्ति सामाजिक मीडिया पर अपने उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करते हैं, प्रतिक्रिया प्राप्त करते हैं और उनके समाधान करते हैं।

इन प्रकार के सोशल मीडिया मार्केटिंग के संवादना, प्रकार और संरचना विभिन्न हो सकते हैं, लेकिन उनका लक्ष्य सामाजिक मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करके लक्ष्य संबंधी सामग्री को प्रसारित करना होता है।

कंटेंट मार्केटिंग केया है ओर कितने प्रकार के होते हैकंटेंट मार्केटिंग केया है ओर कितने प्रकार के होते है

कंटेंट मार्केटिंग एक ऐसी डिजिटल मार्केटिंग विधि है जिसमें उच्च गुणवत्ता और मानवता केंद्रित सामग्री का उपयोग किया जाता है ताकि लक्ष्य संबंधी दर्शकों को प्राप्त किया जा सके, उनका ध्यान आकर्षित किया जा सके, और उन्हें ब्रांड, उत्पाद, या सेवा के प्रति आकर्षित किया जा सके।

कंटेंट मार्केटिंग के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. ब्लॉगिंग: विषयों पर लिखी गई लेखों को ब्लॉग पोस्ट्स के रूप में साझा करना।
  2. वीडियो मार्केटिंग: वीडियो कंटेंट के माध्यम से उत्पाद या सेवा की प्रमोशन करना।
  3. प्रतिलिपि लेखन: लेखों, वेबसाइट सामग्री, ईबुक्स, और अन्य सामग्रियों के माध्यम से जानकारी और मानकता साझा करना।
  4. सोशल मीडिया पोस्टिंग: सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स पर सामग्री साझा करना, जैसे कि छवियाँ, वीडियो, और लिखित संदेश।
  5. पॉडकास्टिंग: ऑडियो सामग्री के माध्यम से जानकारी और मनोरंजन प्रदान करना।
  6. ईमेल मार्केटिंग: ईमेल के माध्यम से लक्ष्य संबंधी सामग्री प्रसारित करना।
  7. इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग: सोशल मीडिया प्रभावकर्ताओं के माध्यम से उत्पाद या सेवा का प्रचार करना
  8. वेबिनार्स: लाइव या पूर्व निर्धारित वेब इवेंट्स के माध्यम से जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान करना।

ये केवल कुछ प्रमुख प्रकार हैं, और आपके उद्योग और लक्ष्यों के आधार पर अन्य प्रकार के कंटेंट मार्केटिंग भी हो सकते हैं।

ईमेल मार्केटिंग केया है ओर याह कितने प्रकार का होता हैईमेल मार्केटिंग केया है ओर याह कितने प्रकार का होता है

ईमेल मार्केटिंग एक डिजिटल मार्केटिंग रणनीति है जिसमें ईमेल के माध्यम से उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद किया जाता है ताकि उन्हें उत्पाद, सेवाएं, या सामग्री के बारे में जानकारी दी जा सके और उन्हें उत्पादों या सेवाओं को खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

ईमेल मार्केटिंग कई प्रकार के हो सकते हैं, जैसे:

  1. सामान्य ईमेल मार्केटिंग: इसमें उत्पादों या सेवाओं की प्रचार और प्रसारण के लिए सामान्य ईमेल का उपयोग किया जाता है।
  2. न्यूजलेटर: न्यूजलेटर ईमेल मार्केटिंग में, लोगों को नवीनतम समाचार, उत्पाद लॉन्च, सौदे और पेशेवर सलाह जैसी जानकारियां भेजी जाती हैं।
  3. समर्थन ईमेल: यह ईमेल उन उपयोगकर्ताओं को भेजा जाता है जो पहले से ही उत्पाद या सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं, और उन्हें सहायता, समर्थन, या अद्यतन की जानकारी देता है।
  4. संवाद ईमेल: यह ईमेल उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद करने के लिए भेजे जाते हैं, जैसे कि सत्र, प्रतिक्रिया, या सवालों का उत्तर।

इनमें से प्रत्येक प्रकार की ईमेल मार्केटिंग अपने उद्देश्यों और लक्ष्यों के अनुसार डिज़ाइन की जाती है और उपयोगकर्ताओं के साथ संवाद को बढ़ाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करती हैं।

 सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ): केया है ओर कितने प्रकार का है सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (एसईओ): केया है ओर कितने प्रकार का है

सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO) वेबसाइट या वेब पेज को विभिन्न खोज इंजनों (जैसे Google, Bing, Yahoo आदि) में उच्च रैंकिंग प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले प्रक्रियाओं का एक सेट है। यह उद्देश्य सामग्री, मेटा-डेटा, बैकलिंक्स, और अन्य तकनीकी एल्गोरिथ्मों के माध्यम से वेबसाइट को समझने और प्रदर्शित करने के लिए अनुकूलित करना होता है।

SEO के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे:

  1. ऑन-पेज SEO: इसमें सामग्री, टाइटल टैग, मेटा डेस्क्रिप्शन, हेडिंग टैग, चित्रों के लिए अल्ट टैग, और अन्य पृष्ठ के अंगों के संशोधन शामिल होते हैं।
  2. ऑफ-पेज SEO: इसमें बैकलिंक्स (अन्य वेबसाइटों से वेबसाइट पर लिंक), सोशल मीडिया प्रचार, और वेबसाइट की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए अन्य मार्केटिंग तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
  3. तकनीकी SEO: इसमें वेबसाइट के टेक्निकल एस्पेक्ट्स, जैसे कि साइट की स्थिरता, वेबसाइट की गति, मोबाइल अनुकूलन, साइट मानचित्र, और अन्य तकनीकी पहलूओं का अध्ययन किया जाता है।
  4. लोकल SEO: यह वह विशेषाधिकारी होता है जो स्थानीय व्यवसायों को स्थानीय खोज में प्रमुखता प्राप्त करने में मदद करता है, जैसे कि स्थानीय वेबसाइट लिस्टिंग, स्थानीय टारगेटिंग, और स्थानीय विशेषताएँ।
  5. वीडियो SEO: वीडियो सामग्री को सर्च इंजनों में उच्च रैंक प्राप्त करने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग करता है, जैसे कि अपने वीडियो का अपलोड, विशेष टैगिंग, और अन्य।
  6. ई-कॉमर्स SEO: ई-कॉमर्स वेबसाइटों के लिए विशेष SEO तकनीक होती है जो उत्पाद संदेशन, उत्पाद पृष्ठों की अनुकूलितता, बचत और अन्य विशेषताओं पर ध्यान केंद्रित करती है।

ये कुछ मुख्य SEO प्रकार हैं, हालांकि यह प्रत्येक स्थिति के आधार पर अन्य प्रकार के भी हो सकते हैं।

फ्रीलांसिंग:केया है ओर कितने प्रकार के होते हैफ्रीलांसिंग:केया है ओर कितने प्रकार के होते है

फ्रीलांसिंग एक काम करने का प्रणाली है जिसमें व्यक्ति अपने आत्मनिर्भर रूप से काम करता है और अन्य व्यक्तियों या कंपनियों के लिए सेवाएं प्रदान करता है, बिना एक स्थायी नौकरी के बाधित होने के। यह आमतौर से अपने खुद के समय और काम के लोड को नियंत्रित करने की स्वतंत्रता प्रदान करता है।

फ्रीलांसिंग के कई प्रकार हो सकते हैं, जो निम्नलिखित में से कुछ हो सकते हैं:

  1. लेखन और संपादन: लेखन और संपादन सेवाएं वेबसाइटों, मीडिया आगेंसियों, लेखकों और ब्लॉगर्स के लिए प्रदान की जा सकती हैं।
  2. ग्राफिक्स डिजाइन और आर्ट: ग्राफिक्स डिजाइन, लोगो डिजाइन, वेब डिजाइन, इलस्ट्रेशन, आदि।
  3. वेब विकास और प्रोग्रामिंग: वेबसाइट डेवलपमेंट, मोबाइल एप्लिकेशन डेवलपमेंट, सॉफ़्टवेयर प्रोग्रामिंग, आदि।
  4. डिजिटल मार्केटिंग: सोशल मीडिया मार्केटिंग, एमेल मार्केटिंग, ऑनलाइन प्रचार-प्रसार, आदि।
  5. अनुवाद सेवाएं: विभिन्न भाषाओं के बीच अनुवाद सेवाएं प्रदान करना।
  6. ऑनलाइन शिक्षा और कोर्सेस: ऑनलाइन ट्यूटरिंग, वीडियो शिक्षा, आदि।
  7. ऑडियो और वीडियो संपादन: पॉडकास्ट, यूट्यूब चैनल, फिल्म या वीडियो संपादन, आदि।
  8. व्यावासिक सेवाएं: लेखा, वित्तीय सलाह, कंसल्टेंसी, आदि।

यह सिर्फ एक संक्षेप है और फ्रीलांसिंग के कई अन्य क्षेत्रों में भी काम किया जा सकता है। फ्रीलांस व्यापार की उच्च वृद्धि के साथ, यह काम करने के नए और विभिन्न तरीकों का स्रोत बन गया है।

 

 

डिजिटल उत्पाद केया है ओर कितने प्रकार का होता हैडिजिटल उत्पाद केया है ओर कितने प्रकार का होता है

डिजिटल उत्पाद बेचना एक व्यापक शब्द है जो विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स और व्यापारों को समर्थन करने के लिए उपयोग होता है। यह उस प्रक्रिया को सूचित करता है जिसमें उत्पाद या सेवाएं इंटरनेट और डिजिटल मीडिया के माध्यम से बिकती हैं।

डिजिटल उत्पाद बेचने के कई प्रकार हो सकते हैं, जो विभिन्न विभागों और उद्यमों को समर्थित कर सकते हैं। यहां कुछ सामान्य प्रकार की डिजिटल बिक्री की उदाहरण हैं:

  1. इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद: इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज और उपकरण ऑनलाइन बाजारों के माध्यम से बिकते हैं, जैसे कि स्मार्टफोन, लैपटॉप, टैबलेट, और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद।
  2. सॉफ़्टवेयर और एप्लिकेशन: डिजिटल सॉफ़्टवेयर और मोबाइल एप्लिकेशन ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स के माध्यम से डाउनलोड और खरीदी जा सकती हैं।
  3. डिजिटल सामग्री: ऑनलाइन किताबें, एल्बम, वीडियो स्ट्रीमिंग सेवाएं, और अन्य डिजिटल सामग्री भी बिक सकती हैं।
  4. ऑनलाइन कोर्सेस और ट्यूटरिंग: डिजिटल शिक्षा सामग्री, लाइव वीडियो क्लासेस, और अन्य शिक्षा सेवाएं भी ऑनलाइन बाजारों के माध्यम से बिक सकती हैं।
  5. व्यावासिक सेवाएं: ऑनलाइन कंसल्टेंसी, वेब डिजाइन और डेवेलपमेंट सेवाएं, और अन्य व्यावासिक सेवाएं भी डिजिटल रूप से बिक सकती हैं।

यह सभी उदाहरण दिखाते हैं कि डिजिटल उत्पाद बिक्री विभिन्न सेक्टरों में हो सकती है और यह व्यापकता में बढ़ रही है, खासकर ऑनलाइन व्यापार के तेजी से बढ़ते हुए माध्यमों के कारण।

ड्रॉपशिपिंग:केया है ओर कितने प्रकार का होता हैड्रॉपशिपिंग:केया है ओर कितने प्रकार का होता है

ड्रॉपशिपिंग एक विपणि प्रणाली है जिसमें विपणि कोई निर्माता या स्टॉक नहीं रखता है, बल्कि उसे ग्राहक के आदेश के बाद ही उत्पाद को खरीदते समय खरीदते है। इस प्रक्रिया में, विपणि ग्राहक के आदेश को सीधे निर्माता या सप्लायर से भेजकर उसका पूरा करता है। इसका मतलब है कि व्यापारी को अपने पास इन्वेन्टरी रखने की आवश्यकता नहीं होती है और उसे उत्पादों की भंडारण या शिपिंग की चिंता नहीं करनी पड़ती है।

ड्रॉपशिपिंग के कुछ प्रकार निम्नलिखित होते हैं:

  1. रिटेल ड्रॉपशिपिंग (Retail Dropshipping): इसमें विपणि ग्राहकों को सीधे खुद के विशेष ऑनलाइन स्टोर पर उत्पाद बेचता है और उनके आदेश को सीधे निर्माता या सप्लायर से भेजकर उत्पाद को डिलिवर करता है।
  2. व्होलेसेल ड्रॉपशिपिंग (Wholesale Dropshipping): इसमें बिग रीटेलर्स या ऑनलाइन बाजारप्लेसेस बड़े आदेश को निर्माताओं से खरीदकर उसे छोटे रोजगारियों या अन्य छोटे व्यापारियों को बेचते हैं।
  3. मैन्युफैक्चरर ड्रॉपशिपिंग (Manufacturing Dropshipping): इसमें विपणि आपने खुद के उत्पादों को निर्माता के साथ सीधे बेचता है, जिससे कि उत्पाद निर्माण की प्रक्रिया में सीधे शामिल हो सकता है।

ड्रॉपशिपिंग का उपयोग छोटे व्यापारियों और आरंभिक विपणि उद्यमियों द्वारा किया जाता है जो बिना बड़े निवेश या इन्वेन्टरी के बिना अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं।

पेपरपरक्लिक विज्ञापन केया ओर कितने प्रकार का होता हैपेपर-पर-क्लिक विज्ञापन केया ओर कितने प्रकार का होता है

पेपर-पर-क्लिक विज्ञापन (PPC) एक विपणन प्रणाली है जिसमें विज्ञापनकर्ता अपने विज्ञापन को दिखाने के लिए अपने विज्ञापित खोज शब्दों के लिए भुगतान करता है, और जब किसी व्यक्ति उस शब्द को गूगल या अन्य खोज इंजन में खोजता है, तो विज्ञापन प्रदर्शित होता है। यह विज्ञापन विचारक या विज्ञापन प्रदर्शित के द्वारा केवल उस समय भुगतान किया जाता है जब कोई व्यक्ति विज्ञापन पर क्लिक करता है।

पेपर-पर-क्लिक विज्ञापन के कई प्रकार हो सकते हैं, जैसे:

  1. सर्च विज्ञापन: ये विज्ञापन खोज इंजन के परिणामों में प्रदर्शित होते हैं, जब उपयोगकर्ता किसी खोज शब्द के लिए खोज करते हैं।
  2. डिस्प्ले विज्ञापन: ये विज्ञापन विभिन्न वेबसाइटों पर प्रदर्शित होते हैं, जो कि संबंधित विषयों के साथ जुड़े होते हैं।
  3. वीडियो विज्ञापन: ये विज्ञापन वीडियो सामग्रियों के साथ प्रदर्शित होते हैं, जैसे यूट्यूब वीडियो के प्रारंभ या मध्य में।
  4. सोशल मीडिया विज्ञापन: ये विज्ञापन सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों (जैसे कि फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर) पर प्रदर्शित होते हैं।
  5. रीमार्केटिंग विज्ञापन: ये विज्ञापन उपयोगकर्ताओं के पिछले विचारक या साइट परिदृश्यों की आधारित होते हैं, जो पहले से ही उन्होंने किया हो सकता है।

इनमें से प्रत्येक प्रकार के विज्ञापन अलग-अलग माध्यमों और लक्षित दर्शकों के लिए उपयुक्त होते हैं।

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